
लॉकडाउन 2.0 का अगला चरण यानी लॉकडाउन 3.0 लाया गया जो कि एक बार फिर से दो सप्ताह यानी की 14 दिनों के लिए है। इस घोषणा के बाद देशवासियों के लिए घर से बाहर निकलने का इन्तजार थोड़ा और बढ़ गया। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए सरकार ने यह जरूरी कदम उठाया है ताकि इस महामारी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सके। खैर यह शायद जरूरी भी हो गया था क्योंकि अभी तक ना ही भारत में ना किसी अन्य देश में इसकी कोई दवा बन पाई है और ना ही इससे बचाव के कोई उपाय ही सामने आ पा रहे हैं।
मगर इस बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात पर शायद ही किसी का ध्यान गया। इस बार एक चीज अलग हुई और वो ये थी कि इस बार लॉकडाउन को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी जनता को संबोधित करने नहीं आये बल्कि इस बात की घोषणा गृह मंत्रालय की तरफ से कर दी गई।
आज लॉकडाउन 3.0 का दूसरा दिन है और 4 मई से यह देशभर में लागू हो चूका है मगर यहाँ पर अहम सवाल है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का जो इस बार देश की जनता के सामने नहीं आया। अभी तक पीएम मोदी ने कोरोना महामारी पर 'जनता कर्फ्यू', 'लॉकडाउन 1' और 'लॉकडाउन 2.0' के सम्बन्ध में हर बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए इसकी सुचना दी है। मगर ऐसा क्या हुआ कि इस बार जब एक बार फिर से 14 दिनों के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया गया तो इसकी सूचना सिर्फ एक प्रेस रिलीज के जरिये गृह मंत्रालय द्वारा दे दी गयी।
कोरोना एक बेहद ही गंभीर बीमारी है और देश की ज्यादातर जनता शुरुवात में इससे पूर्ण रूप से अवगत नही थी। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री द्वारा इसके बारे में पहले लोगों को आगाह करते हुए 'जनता कर्फ्यू' के लिए प्रेरित किया गया। लोगों ने काफी समझदारी दिखाते हुए अपने प्रधानमंत्री की बात मानी भी।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने दूसरी बार देश को संबोधित करते हुए पुरे देश में सम्पूर्ण 'लॉकडाउन' का ऐलान किया। जनता को इससे परेशानी तो हुई मगर अब तक वो भी इस महामारी की गम्भारिता को समझ गए थे और पीएम मोदी का समर्थन भी किया।
चंद दिनों के अंतराल में जब तीसरी बार प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया तो उस वक़्त लोग देश में लगातार बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए पहले से ही इस बात को समझ चुके थे एक बार फिर से देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाया जायेगा। यही वजह है कि एक बार फिर से जब लॉकडाउन को बढ़ाना अति आवश्यक हो गया तो इस बार प्रधानमंत्री के सामने आने की कोई खास आवश्यकता नही पड़ी।
सत्तापक्ष से जब इस बाबत सवाल पूछा गया कि आखिर इस बार पीएम मोदी ने यह सन्देश देशवासियों को क्यों नहीं दिया? तो उन्होंने ने यही बात समझते हुए बताया कि इतनी बार संवाद के बाद अब देशवासी भी मानसिक रूप से तैयार हो गए और इस महामारी की भयावता को बेहतर समझ रहे हैं।
ऐसे में यह आवश्यक नहीं रहता की अब इस तरह के सन्देश किसके द्वारा दिया जा रहा, आवश्यक ये है कि इन आदेशों का बहुत ही समझदारी से पालन होना ज्यादा जरूरी है ताकि हम सभी जल्द से जल्द इस समस्या से निजात पा सके और एक बार फिर से अपनी सामान्य जिंदगी में लौट सकें।
⚡️ उदय बुलेटिन को गूगल न्यूज़, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें। आपको यह न्यूज़ कैसी लगी कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें।