
बीते दिनों भारत के मशहूर शायर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मुनव्वर राना ने अपने बयान में फ्रांस में कार्टून बनाये जाने को निंदनीय और उसके बाद हुई प्रतिक्रिया में महिलाओं के गला रेतने जैसी घटना को जायज करार दिया था।
पाकिस्तान द्वारा भी इसी कार्टून कांड को लेकर फ्रांस के विरोध में लामबंदी की जाती रही है लेकिन बीते दिनों में फ्रांस से ही मिलता जुलता कांड चीन से भी सामने आया है। देखने वाली बात यह है कि इस मामले को लेकर न तो पाकिस्तान अपनी जुबान हिला रहा है ना ही मुनव्वर राना। जिन्होंने कार्टून के विरोध में कत्ल को भी जायज करार दिया है।
इस मामले पर भारत का वैश्विक न्यूज़ चैनल WION ने पड़ताल करते हुए जानाकरी दी की चीन के नेशनल टीवी (CCTV) पर फ्रांस जैसे विवादित चित्र को दिखाकर मुस्लिम समुदाय के कस्टम और प्रथाओं पर चोट करने का प्रयास किया है।
यहां बताते चले कि चीन हमेशा से चीन में बसने वाले उइगर मुस्लिमों को उनकी प्रथाओं, रीति रिवाजों को लेकर न सिर्फ मुखर रहता है बल्कि उन्हें धार्मिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने से नहीं चूकता, मामलें पर उइगर एक्टविस्ट अर्शलान हिदायत जोकि हमेशा से उइगर मुस्लिमों की बेहतरी के लिए दुनिया मे आवाज़ उठाते रहे है। उनके द्वारा ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करके जानकारी दी गयी है।
WION द्वारा अर्शलान के साथ की गयी बातचीत की क्लिप।
अगर चीन की मुस्लिमों के प्रति अपनायी गयी नीति का अवलोकन करें तो बीते लंबे वक्त से उइगर मुस्लिमों के प्रति चीन का तानाशाही रवैये ही रहा है और वह उन्हें यातनाय देने में कभी पीछे नहीं हटता है। चीन के द्वारा लगातार उइगर मुस्लिमो की संस्कृति, उनकी जीवन शैली को नष्ट भृष्ट करने का प्रयास किया जाता रहा है अगर इस मामले को सही तरीके से देखे तो चीन इसमे काफी हद तक सफल भी हुआ है।
शिनजियांग प्रांत में रहने वाली भारी मुस्लिम आबादी पर धार्मिक चिन्ह जैसे दाढ़ी रखने,टोपी पहनने, महिलाओ के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा चुका है। सोशल मीडिया पर लगातार चीनी उइगर मुस्लिम महिलाओं द्वारा लंबे कपड़े काटने, बुर्का फाड़ने के हजारो वीडियो उपलब्ध है।
यही नहीं बल्कि चीन के द्वारा उइगर मुस्लिमों की निजी जिंदगी भी बदलने के कई प्रयास किये गए। कई दबी हुई घटनाओं में चीनी उइगर मुस्लिम महिलाओं के साथ चीनी सैनिकों को रखकर उनकी प्रजाति में वर्णशंकर समुदाय तक बनाने के आरोप लगते रहे है।
आरोपो के अनुसार चीन उइगर मुस्लिम पुरुषों को डिटेंशन सेंटर में रखकर यातनाएं दे रहा है वहीं बच्चो को चीनी भाषा बोलने पर मजबूर कर रहा है। चीन में उइगर लड़कियों की शादी चीनी लोगो के साथ करना बेहद आम हो गया है।
अर्शलान ने असली वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट किया है। जिसको लेकर बवाल खड़ा हुआ है दरअसल यह एक काल्पनिक कहानी का हिस्सा है क्योंकि जिस एम्बेसडर विजिट को चीन के कार्यक्रम में दिखाया गया है। इतिहास ऐसी किसी घटना का जिक्र ही नहीं करता। यहां आपको बताते चले कि इस्लाम मे मुहम्मद साहब के किसी भी चित्र को बनाना और उसे बिगाड़कर बनाना बेअदबी में शामिल किया जाता है।
अर्शलान द्वारा यह बताया गया है कि अपराध फ्रांस में हुआ है उससे हजारो गुना ज्यादा चीन में होते है लेकिन कोई चीन के खिलाफ बात करने की जुर्रत नहीं रखता।
मामला जो भी हो अगर फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद साहब का कार्टून बनाना गलत है तो चीनी टीवी नेटवर्क द्वारा उनका पोट्रेट बनाना उतना ही गलत क्योंकि मुस्लिम धर्म के अनुसार उनके पैगम्बर का चित्र बनाना अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन पाकिस्तान और इसके परस्त लोग चीन की बुराई करने में अक्षम नजर आते है।
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