
इश्क जो न कराए वही कम है, उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बेहद चर्चित मामला सामने आया है, जहाँ के पनकी इलाके में नरमुंड मिलने से इलाके में सनसनी मची हुई थी। कानपुर पुलिस ने इस सारे रहस्य से पर्दा उठा दिया है, प्राप्त नरमुंडों का सीधा संबंध तांत्रिक क्रिया से जुड़ा हुआ है।
बीते दिनों में कानपुर के पनकी इलाके में नरमुंडों के मिलने से इलाके में खासा बवाल खड़ा हुआ था लेकिन कानपुर पुलिस द्वारा इस मामले के सभी राज खुलने के बाद से लोग बेहद ताज्जुब में है कि भला कोई महिला ऐसा काम कैसे कर सकती है? दरअसल इस सारे मामले के पीछे एक विधवा महिला और बाँदा जिला मुख्यालय के नज़दीक बसे एक गांव रेउना के तांत्रिक का हाँथ पाया गया है। जिसपर कानपुर पुलिस ने मामले में शामिल दोनो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
कानपुर पुलिस ने इस मामले में परते खोलते हुए बताया कि पनकी कांशीराम कालोनी निवासी विधवा महिला गीता के पति की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। गीता वर्तमान में दो बच्चों की माँ है और दोनो बच्चे बाहर निवास कर रहे है। करीब ढाई से तीन साल पहले गीता की मुलाकात नौबस्ता में बाँदा के रेउना निवासी तांत्रिक राममनोहर से हुई जिसने यह दावा किया कि वह वशीकरण की क्रिया में पारंगत है और नरमुंड की पूजा से वह किसी को भी वश में कर सकता है। गीता ने राममनोहर को बताया कि वह एक पुरुष से प्रेम करती है लेकिन वह पुरुष उसकी तरफ आकर्षित नही है, इसलिए वह उसे वश में कराना चाहती है, इसपर राममनोहर ने उसे नरमुंडों की साधना करने का रास्ता सुझाया। गीता ने राममनोहर से पांच हजार की कीमत देकर ये नरमुंड खरीदे और घर मे बतायी गयी क्रिया से पूजन करना शुरू कर दिया।
दरअसल गीता इन नरमुंडों के साथ लंबे वक्त से साधना कर रही थी लेकिन कोई लाभ नही मिल पा रहा था, इसपर जब गीता ने राममनोहर से पूजा में लाभ न मिलने की बात कही तो राममनोहर ने दिवाली के मौके पर आकर अनुष्ठान करने की बात कही थी लेकिन राममनोहर दिवाली के वक्त भी मौके पर नही पहुँचा, इस पर गुस्सा होकर गीता ने नरमुंडों को कालोनी के बाहर फेंक दिया, मामले में पुलिस ने तांत्रिक और गीता दोनो को गिरफ्तार करके कानूनी कारवाही शुरू कर दी है।
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