
अयोध्या राम मंदिर विवाद के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सब कुछ पानी की तरह साफ करके रख दिया है, लेकिन जैसे ही कोर्ट रूप में वकीलों की दी हुई दलीलें बाहर निकल कर आ रही है उनका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है, मामले पर वकील राजीव धवन ने इस बार अपनी सफाई पेश की है।
मामला हिन्दुओं को लेकर किये गए कमेंट का है दरअसल राजीव धवन ने बहस के दौरान यह कहा था कि "शांति भंग होने का खतरा मुस्लिमों से नहीं बल्कि असल खतरा हिन्दुओं से है, और जिन्होंने इस मस्जिद को अयोध्या में ढहाया वो दूसरे प्रकार के हिन्दू तालिबान ही है।
लेकिन अब जब यह बात पब्लिक डोमेन में आई है तो राजीव धवन अपने बयान से वकीलों वाली बाजी खेल गए और यह कहते हुए नजर आए की:
“जब मैं हिन्दुओं की बात करता हूँ, तब यह नहीं कि मैं सभी हिन्दुओ की बात कर रहा हूँ, क्योंकि मस्जिद मामले में मैं जब भी हिन्दू शब्द का इस्तेमाल करूँ तो यह केवल संघ परिवार के लिए होता है, और मेरा यह इशारा लिंचिंग जैसे समस्याओं को जन्म देने वालों के लिए है, मेरे शब्दों को टीवी ( न्यूज) द्वारा शरारती तरीके से पेश किया गया है”
दरअसल भले ही ये फैसला हिन्दुओं के लिए पक्ष में रहा हो लेकिन राजीव धवन ने लगभग चालीस दिन तक चली सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष के वकीलों को मुश्किल में डाल दिया था, बहस के दौरान साक्ष्यों को फाड़ने के संबंध में भी धवन का नाम आगे आया था।
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