
जो मुंबईया लोग बिहारी पुलिस को लिट्टी चोखा खाने वाली पुलिस समझ रहे थे उसने सुशान्त सिंह केस में मुंबई पहुँच कर इस केस की वो परतें खोल दी है जिनको लेकर देश भर में लोगों के रिएक्शन आने लगे हैं। दरअसल लोगों की सोच वही थी कि बिहारी पुलिस ठीक वैसे ही होती है जैसे प्रकाश झा अपनी फिल्मों में दिखाते हैं।
मुंबई पुलिस का एक महीना और बिहार पुलिस के मात्र कुछ दिन। पटना से मुंबई गयी बिहार पुलिस की टीम को मुंबई गए कुलमिलाकर तीन चार दिन ही हुए है लेकिन इतने दिनों में ही पटना पुलिस ने जनता के सामने वो राज खोल कर रख दिये है जिसको लेकर देश मे यह उत्सुकता जगी है कि अब शायद इस केस में कुछ रिजल्ट सामने आ जाये। एक ओर जहां मुंबई पुलिस घटना के एक महीने बाद ही सुसाइड पर ही जांच अटका कर बैठी हुई थी वहीँ बिहार पुलिस ने अब ऐसे राज निकालने शुरू किए है जिससे जांच की दिशा ही बदल गयी है। मुंबई पुलिस सुशान्त के आसपास रहने वाले लोगों और सहयोगियों से पूंछताछ करके ही खुश थी लेकिन बिहार पुलिस ने सहयोगियों और कर्मचारियों से पूंछताछ के अलावा सुबूत जुटाने भी शुरू कर दिए हैं। बिहार पुलिस के पास सुशान्त के लैपटॉप, मोबाइल, एक्सटर्नल हार्डडिस्क समेत कई महत्वपूर्ण सुबूत हाँथ लगे हैं जिनमे बहुत सारा राज छिपा हो सकता है।
बिहार पुलिस ने एक ओर जहां इस एंगल से जांच की क्या यह आत्महत्या थी वहीँ दूसरी ओर सुशांत के खाते से एक साल में 15 करोड़ रुपयों का संदिग्ध खर्च भी नजर आया है जिसमें सबसे ज्यादा उंगलियां सुशांत की गर्लफ्रैंड पर उठी है। इससे पहले सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने भी बताया कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके भाई पर भी पैसे खर्च किये गए थे।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार इस मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर साफ मना कर चुकी है, इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी नाराजगी जताई है।
बिहार पुलिस की खोजबीन के बाद मुंबई पुलिस पर कुछ सवाल खड़े होने शुरू हुए है जिनका जवाब मिलना बांकी है।
आखिर इतनी बड़ी घटना के बाद शुशांत के लैपटॉप, मोबाइल, हार्ड डिस्क जो रिया के पास उपलब्ध थे उन्हें जब्त कर जांच को आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया?
पंद्रह करोड़ की रकम कोई आम रकम नहीं होती मात्र एक साल में एक खाते से इतनी रकम का खर्च उस महिला और उसके परिवार पर हो जाना पुलिस को संदिग्ध क्यों नहीं लगा?
मुंबई पुलिस आखिर इस मामले को जल्द से जल्द खत्म क्यों कर देना चाहती थी, इस मामले में गहन जांच की आवश्यकता होने के बावजूद खोजबीन नहीं की गई।
और सबसे आखिर का सवाल, अब जब बिहार पुलिस मुंबई में जाकर अपनी जांच को अंजाम दे रही है उस पर मुंबई पुलिस का साथ न देने का रवैया बेहद निराशाजनक है। इससे साबित होता है कि इस मामले में किसी बड़े की गर्दन नपना तय है। संभवता किसी को बचाने के लिए इस जांच को प्रभावित किया जा रहा है।
मुंबई में सुशांत केस की जांच के लिए ऑटो में जाती हुई बिहार पुलिस की टीम।
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