
आईएनएस विराट (INS Viraat) अपने कत्लगाह की ओर बढ़ चुका है और इस कत्लगाह की तरफ ले जाने का रास्ता भारतीय राजनीति ने तय किया है एक सिपाही जिसने दशकों तक भारतीय सरहदों की रक्षा की, दुश्मनों के दांत खट्टे किये,वही विमानवाहक पोत विराट बीते शनिवार को अपनी अंतिम यात्रा पर निकल चुका है।
इस घटनाक्रम को केवल एक शब्द में समझाया जा सकता है कि यह शर्मनाक है। देश का वह जहाज जिसने अपने प्रकार का पहला जहाज होने के कारण देश की अनेक मुहिमों और अभियानों में अपनी दक्षता साबित की और आखिरकार वो वक्त आ गया जब हमने इसकी तरफ से मुँह मोड़ लिया। सेना मामलों के जानकारों ने इसे बेहद शर्मिंदगी से भरा हुआ पल बताया और कहा कि यह हमारे लिए एक बूढ़े सिपाही के कत्ल करने जैसा है।
अगर इस विमानवाहक पोत के इतिहास की बात की जाए तो इसका इतिहास बेहद रोमांच से भरा नजर आता है। इस जहाज ने ब्रिटिश रॉयल नेवी में करीब 25 साल एचएमएस हर्मिस(HMS Hermes) नाम से अपनी सेवाएं दी और सन 1984 में रॉयल नेवी से सेवा समाप्ति की घोषणा की गई। जिसके बाद भारत ने इस युद्धपोत को भारी भरकम रकम देकर 1984 में ही खरीद लिया।
जिसके बाद इस युद्धपोत को आईएनएस विराट के नाम से सन 1987 भारतीय नेवी में शामिल किया गया। सनद रहे कि इस जलपोत में ब्रिटिश प्रिंस चार्ल्स ने भी अपनी सेवाएं दी है और ट्रेनिंग का काफी वक्त उन्होंने गुजारा। भारतीय अभियानों में पाकिस्तान के खिलाफ हुए ऑपरेशन पराक्रम में इस युद्धपोत ने पाकिस्तान का रास्ता ब्लाक करके कराची को निशाने पर लिया हुआ था। वहीं श्रीलंका में भारतीय शांति सेना को ले जाकर शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सन 2017 का साल जब विराट भारतीय नेवी में अपना सेवाकाल खत्म कर चुका था। तो इसके बिकने की बात हुई लेकिन इस युद्धपोत के लिए कोई खरीददार सामने नही आया। इसके बाद सरकार ने इसे एक मैरीटाइम म्यूजियम / तैरता रेस्टोरेंट/ हेलीपैड बनाने की बात कही, जिसपर तत्कालीन महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए महाराष्ट्र का रुख जाहिर किया और यह जहाज एक तरीके से मुम्बई पहुंच भी गया।
इसी दौरान महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुआ जिसकी वजह से 852 करोड़ रुपये की मंजूरी के बाद भी यह सौदा नई सरकार के द्वारा रद्द कर दिया गया। आखिर लंबे वक्त तक अपनी दुर्दशा के लिये आंसू बहाता यह पोत अब श्रीराम ग्रुप के द्वारा कबाड़ के लिए खरीदा गया।
वह भी मात्र 38 करोड़ रुपये में, सनद रहे कि इस जहाज में इतना धातु लगा है कि इस जहाज की कीमत उससे कहीं ज्यादा निकल कर सामने आती है।
विराट अपनी अंतिम यात्रा पर निकल चुका है। करीब 2 दिन में यह गुजरात के भावनगर स्थित अलंग के शिप ब्रेकिंग यार्ड पहुंच जाएगा। जहां इसको काट दिया जाएगा, पुर्जे-पुर्जे कबाड़ के भाव बिक जाएंगे।
लेकिन इसके साथ कटेगा भारत का जिंदा गौरव जिसने अपनी ताकत के बल पर समंदर पार राज किया। वो इतिहास के पन्नों से निकाल कर काट दिया जाएगा। जिसके नाम से दुश्मनों की घिग्घी बंध जाती थी।
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