आजादी के 70 साल बाद भी पानी-पानी हुआ मुंबई
साल बदल जाते हैं, लेकिन नहीं बदलती है तो मुंबई की हालत। बीते एक रात में महाराष्ट्र के 27 लोगों ने भारी बारिश की वजह से दम तोड़ दिया है। मलाड के 18 लोग, पुणे के 6 लोग और कल्याण के 3 लोग बारिश का शिकार बन चुके हैं। राज्य की स्थिति ऐसी है कि सड़क पर कमर तक पानी भरा है। बच्चे उस पानी में तैर रहे हैं। रेलवे ट्रैक पानी में डूब गया है, बस-ट्रेन जहां-तहां खड़े है। राज्य सरकार ने आज सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। लेकिन पिछले चार दिन से ऐसी बारिश हो रही है कि कुछ कहा नहीं जा सकता कि राहत कब मिलेगी।
देश की सबसे अमीर नगर पालिका 'बृहन्मुंबई महानगर पालिका’ ने बारिश से निपटने के लिए जो भी इंतजाम किये थे वो पूरी तरफ फेल हो गए। जिसके बाद BMC की ओर से कहा गया कि 10 सालों के बाद ऐसी बारिश हुई है। इस बार बारिश का पैटर्न भी बदल चुका है, अब बहुत कम समय में ज्यादा बारिश हो जाती है। जिस वजह से हाई-टाइड का सामना करना पड़ता और शहर में काफी जलजमाव हो जाता है।
वहीं मौसम विभाग के अधिकारी मानते हैं कि "बारिश का पैटर्न बदला है या नहीं बदला है इसके लिए हमें 30-40 साल के बारिश के आकड़ों को जानना होगा, रिसर्च करनी होगी। इस बारे में हम कुछ कह नहीं सकते।”
लेकिन मुंबई में जो बारिश हो रही है उससे निपटा जा सकता है। अगर BMC शहर में हुए जल जमाव को पाइप लाइन के जरिए समुद्र तक लेकर जाती है तो। जब हाई टाइड होता है तो पाइप के मुँह को बंद कर दिया जाये, जिससे समुद्र का पानी पाइप के अंदर ना आ सके। और जब स्थिति सामान्य हो तो पानी को समुन्द्र में छोड़ा जा सकता है।
भारी बारिश के कारण मुंबई-ठाणे के बीच विभिन्न स्थानों पर रेलवे ट्रैकों के पानी में डूब जाने के बाद मध्य रेलवे (सीआर) ने मंगलवार तड़के उपनगरीय ट्रेन सेवाएं रोक दी हैं । नेताओं और अभिनेताओं के घर में पानी घुस गया है। लेकिन प्रशासन इसपर काम करने के बजाए मौसम को जिम्मेदार मानता है। आजादी के 70 साल बाद भी अगर मुंबई के इतिहास पर नज़र डाले तो हर बारिश में यहां जलजमाव की स्थिति देखी गई है। और पिछले 15 सालों में मुंबई हर साल बारिश की समस्या से दो-चार होता है। जिस शहर में लोग सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं वही शहर बारिश में एक द्वीप बन जाता है।