
भारत मे अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर नेताओं और लोगों के द्वारा सत्ता पक्ष के नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप आम है लेकिन अगर यही सब गाली गलौच में बदल जाये तो मामला बिगड़ जाता है। कुछ ऐसा ही बार-बार पार्टी बदलने वाली अलका लांबा के द्वारा किया गया है। हाल में ही अलका ने योगी और मोदी को नपुंसक बोला है।
मामला कुछ सालों पहले उन्नाव में हुए बलात्कार केस से जुड़ा हुआ है तब अलका आम आदमी पार्टी में थी और उनकी राजनैतिक विचारधारा अलग थी उस वक्त इस मामले में उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमे उन्होंने योगी और मोदी को पिता न होने और बधाई दी थी और कहा था कि ये पिता नही है इसलिए एक बेटी का दर्द महसूस नहीं कर सकते। मुझे खुशी है कि ये कभी बाप नहीं बन पाए, ये दोनो व्यक्ति नपुसंक है, हालांकि अब इस मामले पर बवाल होना शुरू हो गया है।
इस बारे में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने ट्विटर पर जानकारी दी कि लखनऊ पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत (FIR Against Alka Lamba) कर लिया है, किसी संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्तियों के उपर इस तरह की भाषा कभी सहन नहीं की जाएगी।
हालांकि अलका ने अपना स्टैंड किलियर कर दिया है, अलका ने कहा है कि न तो वो शब्द वापस लेंगी न ही माफी मांगेगी। मामला 2 साल पुराना है, इस मुद्दे को अब हाइप नहीं मिलना चाहिए।
अगर एक्सपर्टस की माने तो पिछले कुछ दिनों से सत्ता में बैठे हुए लोगों को गाली देने का एक अलग सा चलन चला हुआ है जिसमें दिनोदिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है। अलका ने पार्टी भले ही बदल दी हो लेकिन विचारधारा एक ही है। किसी भी समस्या से बचने के लिए अलका को माफी मांग लेनी चाहिए क्योंकि मामला अगर कोर्ट में गया तो बवाल कटना तय है। इस तरह की बयानबाजी अलका की राजनैतिक अपरिपक्वता दर्शाती है।
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