
अबकी बार उत्तर प्रदेश पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी ने बेहद अजीब कारनामा कर दिखाया है। साहब ने फरियाद लेकर पहुँचे फरियादी की समस्या सुनने के बजाय अपने जूते पालिश कराना ज्यादा जरूरी समझ लिया।
मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के नैनी थाने से जुड़ा हुआ है जहां पर डीएसपी शुभम तोंडी ने अजीबोगरीब कारनामा कर दिखाया है। दरअसल नैनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव के बड़ा चाका गांव निवासी जियालाल और उनकी पत्नी एक फरियाद लेकर थाने पहुँचे थे लेकिन डीएसपी साहब को गरीब की फरियाद में न कोई दिलचस्पी नजर आई और न ही उसे तवज्जो दिया। फरियादी के द्वारा समस्या सुनाने पर साहब ने उसे झिड़क कर बाहर भगा दिया लेकिन तभी साहब को याद आया कि उनके पुलिसिया बूटों में धूल लग चुकी है और उस धूल से साहब की वर्दी नही जम रही। साहब ने भगाए गए जियालाल को पास बुलाकर जूते पालिश करने का हुक्म सुना दिया।
हालांकि इस मामले की तस्वीरें सोशल मीडिया में आने के बाद डीएसपी साहब की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी और सफाई देने पर आमादा हो गए। मामले में डीएसपी द्वारा यह बयान दिया गया है कि उक्त व्यक्ति द्वारा थाने में पहुंचकर पालिश का काम किया गया है। इनपर काम कराने का कोई दबाव नही डाला गया है। हालांकि वह फरियाद करने आये थे या पालिश करने इस सवाल पर डीएसपी द्वारा मीडिया को कोई जवाब नही दिया जा रहा है।
चूंकि यह मामला अब पब्लिक डोमेन में है और साहब लगातार अपनी तरफ से सफाई पेश करते जा रहे है, हालांकि अभी तक इस मामले में भुक्तभोगी जियालाल द्वारा कोई बयान नही दिया गया है अगर जियालाल यह बयान देते है कि उनकी फरियाद नही सुनी गई और उनसे जबरन पालिश कराई गई है तो फिर डीएसपी साहब के लिए समस्या खड़ी हो सकती है।
लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि क्या कोई उत्तर प्रदेश पुलिस के विमुख होकर जा सकता है क्या??
⚡️ उदय बुलेटिन को गूगल न्यूज़, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें। आपको यह न्यूज़ कैसी लगी कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें।