
एक ओर जहां देश की राजधानी की ओर किसानों का आंदोलन अपने शबाब पर जाता जा रहा है वहीँ सरकार भी हर हाल में किसानों की मान मनौवल पर जुटी हुई है। हालांकि किसानों की तरफ से अभी तक समझौते के लिए कोई पहल नही की गई है, किसानों के अनुसार कृषि बिल पूरी तरह वापस लिए जाने चाहिए ।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में अपनी बात रखते हुए बताया कि सरकार की मंशा किसानों के विकाश करने की रही है, सरकार कभी भी किसानों के प्रतिकूल करने की बात सोच भी नही सकती। हाल में ही सरकार ने जिन कृषि सुधारो को कृषि विधेयक में शामिल किया है वो हर प्रकार से किसानों के उन्नत जीवन के लिए है। रक्षामंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि हम हर स्थिति में किसानों की बात सुनने के लिए तत्पर है, आवश्यक होने पर किसानों के सुधारो को भी करने के लिए तत्पर है।
किसानों के आंदोलन में राजनीति का शामिल होना और व्यापक बना रहा है। दरअसल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
किसानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक दिन के उपवास की घोषणा की है, हालांकि इसे समर्थन कम राजनीतिक स्टंट ज्यादा माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि विपक्षी दल अब आंदोलन में केवल ढोंग करने पर आमादा है।
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