
बंगाल की राजनीति में रुचि रखने वाले राजनीतिक पंडितों ने इसे जेपी नड्डा की गाड़ी पर मारा गया पत्थर कम, बल्कि इसे बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता दीदी की कुर्सी पर पहाड़ का गिरना बताया है। लोगों के अनुसार टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा जो हरकत की गई है इसके बेहद घातक परिणाम हो सकते है, ताजा मामला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गाड़ी के ऊपर टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा पत्थरबाजी से जुड़ा हुआ है जिसमें जेपी नड्डा और कैलाश विजयवर्गीय बाल-बाल बच निकले।
पश्चिम बंगाल की राजनीति और हिंसा कई बार एक दूसरे के पर्यायवाची बनते नजर आते है। दरअसल आने वाले वक्त में बंगाल में चुनावों का दौर शुरू होने वाला है जिसके चलते राज्य में सत्ता पर काबिज और सत्ता से दूर बैठी पार्टियां सत्ता कब्ज़ाने के लिए जद्दोजहद में जुट गई है। पश्चिम बंगाल चुनाव के चलते अब केंद्र में सत्ता पर बैठी हुई पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) ने भी कमर कस ली है और पार्टी ने इस चुनाव को आन बान की शान के तौर पर स्वीकारा है, लेकिन असल पेच यहीं फंस गया। दरअसल बंगाल में सत्ता पर काबिज टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी बिहार चुनाव से सबक लिए बैठी है इसलिए उनकी पार्टी के द्वारा भाजपा का प्रतिकार करने में कोई कसर नही छोड़ी जा रही।
इस हादसे की शुरुआत तब हुई जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ कोलकाता के डायमंड हार्बर से गुजर रहे थे। इससे पहले से ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं द्वारा जेपी नड्डा और कैलाश विजयवर्गीय के बंगाल आगमन का विरोध किया जा रहा था। डायमंड हार्बर में उत्तेजित टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा काफिले पर जमकर पथरबाजी की गई जिससे कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी बुरी तरह छतिग्रस्त हो गयी और जेपी नड्डा भी इस हमले में बाल-बाल बचे।
देश के गृहमंत्री और पूर्व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल की स्थिति पर सीधे-सीधे आरोप लगाए हैं।
बंगाल में हुई इस घटना के बाद भाजपा नेताओं ने वर्तमान बंगाल की सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक हालात पर सवाल उठाये। भाजपा ने के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाये की यह सब जो कुछ भी हो रहा है इसका सारा संज्ञान उनके पास है और इस तरह के सुनियोजित हमले भाजपा को बंगाल की राजनीति से दूर रखने के लिए किए जा रहे है। लेकिन ऐसा होगा नही, अब बंगाल के वास्तविक आजादी का वक्त आ चुका है।
हालांकि इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा के इस आरोप का खंडन करते हुए भाजपा पर ही इस हमले को कराने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी के अनुसार भाजपा इस तरह के प्री प्लान हमले कराने की अभ्यस्त है, यह सब वोटरों को ध्रुवों में बाटने की कोशिश का नतीजा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस हमले को ममता बनर्जी की सबसे बड़ी गलती करार दिया है।
लोगों के अनुसार पश्चिम बंगाल में भाजपा का यह हमला कोई नए पैटर्न का नही है। बल्कि इससे पहले भी कई चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है, लेकिन विशेषज्ञों की माने तो चुनावी माहौल में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर इस तरह के आरोपों का लगना और साबित होना मतदाताओं के मन मे टीएमसी की खतरनाक छवि उभार सकता है, जिसका सीधा सीधा फायदा भाजपा को होना तय है, जिसका खामियाजा तृणमूल कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा।
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