अयोध्या मामले में लगातार पांचवें दिन हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुनाई शुरू हुई। रोजाना आधार पर शुरू हुई सुनवाई का आज चौथा दिन था। चीफ जस्टिस और इंडिया रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधानिक पीठ इस मसले पर सुनवाई कर रही थी। इस बेंच में CJI के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में आज जब सुनवाई शुरू है तो सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के पक्षकार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 'एक अफवाह फैली है कि सुप्रीम कोर्ट हफ्ते के पांच दिन इस मामले में सुनवाई करेगा। हमें इससे आपत्ति है।'
राजीव धवन ने अपनी दलील दी और कहा कि 'हम इतनी जल्दी सारे दस्तावेज नहीं पढ़ सकते। हमें रोजाना अनुवादित कागज पढ़ने होते हैं अन्य तैयारियां करनी पड़ती है। आखिर इतनी जल्दबाजी में सुनवाई क्यों हो रही है।'
'यदि सुनवाई सप्ताह में 5 दिन की जाएगी तो यह अमानवीय है और हम अदालत की सहायता नहीं कर पाएंगे और मुझे यह केस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। '
जिसपर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि 'हमने आपकी शिकायत सुनी है, हम आपको जल्द ही सूचित करेंगे'
आपको बता दें, कि आज हुई सुनवाई के दौरान 'राम लल्ला विराजमान' के पक्षकार और वरिष्ठ अधिवक्ता परासरण ने कहा कि 'भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर कोई सटीक स्थान की आवश्यकता नहीं है। हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष विवादित क्षेत्र को रामजन्म स्थल कहते हैं। लेकिन यह पूरा क्षेत्र रामजन्म स्थल है।’
ज्ञात हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने पहले मध्यस्थता के जरिये इस विवाद को सुलझाने का फैसला लिया था, जो कि नाकाम हो गया। चार महीने की कोशिश फेल हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोजाना सुनवाई का फैसला लिया है और 6 अगस्त से इसपर रोजाना सुनवाई हो रही है।