
अगर वर्तमान परिपेक्ष्य में कम्प्यूटर की बात की जाती है तो सबसे पहले नाम विंडोज का आता है जिसे माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा डेवेलप किया गया है। इस वक्त तक लोग माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 10 को उपयोग में ला रहे है लेकिन पिछले दिनों से एक बहस चर्चा में है कि क्या विंडोज 11 कभी आएगा या नहीं ?
अगर सूत्रों की माने तो माइक्रोसॉफ्ट ने नए ऑपरेटिंग सिस्टम लाने से तौबा कर ली है इस लिहाज से कहा जाए तो अब आपको कोई नया ऑपरेटिंग सिस्टम देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि बार-बार नए वर्जन लाकर माइक्रोसॉफ्ट भी तंग आ चुका है। हर बार नए ऑपरेटिंग सिस्टम के बाद माइक्रोसॉफ्ट को नई समस्याओं से गुजरना पड़ता है, फिर चाहे वह टेस्टिंग का मामला हो या फिर फीडबैक का हर बार नए सिस्टम के बाद माइक्रोसॉफ्ट को लंबे बिल भरने पड़ते है जिसका सीधा असर माइक्रोसॉफ्ट के रिवेन्यू पर पड़ता है।
अगर माइक्रोसॉफ्ट के पैटर्न पर नजर डाले तो माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज की शुरुआत डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ 20 नवंबर 1985 में विंडोज 1.01 के साथ कि जो लगातार चलता रहा और लोगों के सीखने की वजह से यह लगातार लोगों की पहली पसंद बनता रहा उसके बाद से लगभग 26 संस्करण आ चुके है जिसमे विंडोज 95, विस्टा, एक्सपी और विंडोज 7 बेहद प्रचलन में रहे लेकिन विंडोज 8 और विंडोज 8.1 ने इस विजय यात्रा में न सिर्फ रुकावट डाली बल्कि विंडोज को एक सबक भी दिया। हालांकि विंडोज 10 ने इस कमी को दूर करके नए तौर पर पेश किया जो अब लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
अगर माइक्रोसॉफ्ट ने यह इशारे किये है कि अब उसका कोई नया ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं आएगा तो इसका मतलब यह नहीं है कि अब आपका पिसी नये ऑपरेटिंग सिस्टम पर नहीं चलेगा। दरअसल विंडोज अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए लगातार अपडेट जारी करता है जिसमें सिक्योरिटी पैच और सिस्टम पैचेज शामिल होते हैं। तो इस प्रकार से विंडोज इस जुगत में है कि इसके बाद से लोगो को मिलने वाले अपडेट में बढ़ोत्तरी की जाएगी जिससे लोग सिक्योर भी रहेंगे और फीचर (सिस्टम ) अपडेट भी ज्यादा जारी किए जाएंगे जिससे उपयोगकर्ताओं को नयापन मिलता रहेगा।
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