
तमिलनाडु वैसे भी चमत्कारी प्रदेश है फिर चाहे वह फिल्मों का मामला हो या किसी नए नवेले आविष्कार का, तमिलनाडु के 23 वर्षीय युवा अरुण प्रभु ने बजाज कंपनी के आर ई ऑटो में मोडिफिकेशन करके एक शानदार मकान तैयार कर दिया है। जिसमें दो वयस्क न सिर्फ आराम से रह सकते है बल्कि सभी सामान्य क्रिया कलापों को पूरा कर सकते हैं।
दरअसल 23 वर्षीय अरुण प्रभु 2019 में चेन्नई और दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में अपनी रिसर्च को अंजाम दे रहे थे और यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि आखिर झूग्गी निवासियों का जीवन कैसा है। नतीजन अरुण को एक चीज समझ मे आयी कि स्लम एरिया में सबसे बड़ी समस्या छत की है क्योंकि स्लम एरिया में अपनी खुद की झुग्गी तैयार करना एक बड़े खर्चे का काम है। अरुण ने पाया कि एक सामान्य सी झुग्गी तैयार करने में करीब 3-5 लाख का खर्च आ जाता है। अरुण ने इस समस्या को हल करने के लिए नया रास्ता खोज निकाला, अरुण ने अपने गृह जिले नमक्कल के परामथि में इस बेजोड़ अविष्कार को जन्म दिया है।
अरुण ने अपनी कला का नमूना बजाज के सेकेंड हैंड ऑटो में दिखाया, अरुण ने एक पुराने बेकार खड़े हुए ऑटो को खरीद कर पुराने रीसाइक्लिंग मटेरियल को जोड़कर एक मकान थ्री व्हीलर पर खड़ा कर दिया। अरुण के इस काम मे तमिलनाडु की ही एक आर्किटेक्ट डिजाइनर कंपनी बिलबोर्ड ने सहयोग प्रदान किया। अरुण ने अपने अनुभव से थ्री व्हीलर पर ही रहने, लेटने और बैठने की व्यवस्था की साथ ही यह सुनिश्चित किया कि इसके निर्माण में लागत न बढ़े इसी का परिणाम है कि यह चलता फिरता मकान मात्र एक लाख की कीमत में तैयार हो गया।
अरुण ने अपने इस प्रोजेक्ट कॉन्सेप्ट होम ऑन व्हील (house on auto rickshaw) को ऐसे तबके पर केंद्रित किया जो दुकान चलाते है या रेहड़ी लगाकर अपना जीवन यापन करते है। इस आवास में अरुण ने घर को बिजली उपलब्ध कराने के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया ताकि बिजली के खर्चे का बोझ बिल्कुल समाप्त हो जाये साथ ही घर को इस तरीके से बनाया गया है जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो
अरुण के इस प्रोजेक्ट पर देश विदेश के तमाम विशेषज्ञों ने दिलचस्पी दिखाई है।
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