
स्वरा भास्कर ने कंगना से कहा अपने दिमाग की गंदगी अपने तक सीमित रखिए। यदि आप मुझे गालियां देना चाहती हैं तो दीजिए। मैं खुशी-खुशी आपकी बकवास सुनूंगी और आपके साथ ये कीचड़ कुश्ती लड़ूंगी।
देखो स्वरा का कुश्ती और कीचड़ से कोई लेना देना नहीं है लेकिन कंगना विवाद में अगर स्वरा नहीं कूदती तो मामला रोमांचक कैसे होता वैसे कंगना भी इस विवाद में दूर-दूर तक नही थी और जया भी नही, और मुद्दे को अलग रंग देने वाले भोजपुरी-बॉलीवुड एक्टर रविकिशन भी इस मामले में बेहद नाटकीय ढंग से कूद कर सामने आए। दरअसल एक्टर से नेता बने रविकिशन ने संसद में बॉलीवुड में चल रहे नशे के कारोबार और ढर्रे पर निशाना साधा जिसपर उन महिला कलाकार, एक्टर को बुरा लग गया जिन्होंने सुशान्त सिंह, कंगना मामले में अभी तक कोई शब्द नहीं कहा था तो मामला रविकिशन और जया का था जिसे कंगना ने आड़े हाँथ लिया और कंगना से लड़ने की मुद्रा में स्वरा भास्कर भी सामने आ गयी।
इस विवाद की शुरुआत भले ही सुशांत सिंह की मृत्यु से शुरू हुई हो लेकिन इसके असल मायने कंगना के कूदने के बाद ही सामने आए। दरअसल कंगना ने शिवसेना पर सुशान्त की हत्या के राज छुपाने के आरोप लगाए और बाद में शिवसेना ने कंगना का ऑफिस साजिशन ढहा दिया। इसके बाद रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शौविक गांजे चरस के मामले मे लपेट दिए गए इसको लेकर रविकिशन ने संसद में इस बात को उठा दिया गया जिसपर जया बच्चन ने " जिस थाली में खाते है उसी में छेद करनेकी बात कह दी"
इससे पहले की जया बच्चन इस मामले पर कोई भी सवाल जवाब करती स्वरा भास्कर कीचड़ कुश्ती करने पर उतारू हो गयी
अगर बोलने की बात कहें तो स्वरा का बोलना जायज है क्योंकि उन्हें लगभग हर मामले में बोलने की आदत है भले ही उनका उससे कोई लेना देना हो या न हो और फिर ये बॉलीवुड है जहां लाइम लाइट में आने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते।
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