
वैसे तो अयोध्या के रामलला मंदिर के परिसर की खुदाई में ASI "भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण" को राम लला मंदिर के साक्ष्य के तौर पर तमाम सुबूत मील थे लेकिन अब जब कोर्ट ने मंदिर भूभाग एक पक्ष को सौप दिया है तब खुदाई करने पर सैकड़ो छोटे-बड़े खंडित प्रस्तर खंड मिल रहे है जो अपने इतिहास की कहानी कहते नजर आ रहे है।
जहाँ सुप्रीम कोर्ट में लंबे वक्त तक एक पक्ष मस्जिद होने की बात कहता चला आ रहा था अब उसमें कोर्ट के फैसले के बाद भी तमाम ऐसे सुबूत मिल रहे है जो पुराने समय मे बहुत समृद्ध मंदिर होने का हवाला दे रहे हैं। मस्जिद के आस-पास की जमीन को समतल करने के लिए खुदाई हो रही है जिसमें पुष्प चक्र और नृत्य करती हुई अप्सराएं और कुछ चंदेल काल से मिलती-जुलती हुई खंडित मूर्तियां मिल रही हैं जिनको लेकर लोगों मे कौतूहल उत्पन्न हो रहा है। लोग इस मामले पर मंदिर के भग्नावशेष की तश्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे है।
एक ओर जहां रामलला के मंदिर के पुनःनिर्माण की प्रक्रिया शुरू हो रही है वहीँ पूर्व में पत्रकार और राजनीतिक पक्ष लेने के आरोपी दिलीप मंडल इसे अब नई दिशा देने में लगे हुए हैं। सनद रहे कि दिलीप मंडल पहले से किसी न किसी प्रकार से समुदाय विशेष को घुसेड़ने के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्हें मंदिर के भग्नावशेषों में बौद्ध धर्म नजर आ गया है और यही नहीं उन्होंने इतिहास के कुछ राजाओं को हत्यारा साबित करने की मुहिम चलाई है।
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