
दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा। सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।
ये चौपाई बाबा तुलसीदास जी ने राम राज्य की विशेषता में बताते हुए लिखी थी, जिसमें यह वर्णन था कि राम राज्य के समय में प्रजा भयमुक्त थी किसी प्रकार का कोई कष्ट ही नहीं था, चोरी, चकारी, डकैती, बलात्कार और किसी भी प्रकार की बीमारी भी नहीं थी, इसी तर्ज पर मिलता-जुलता कुछ हो चुका है उत्तर प्रदेश में ........
उत्तर प्रदेश में भगवा सत्ता को कुर्सी पर बैठे हुए लगभग ढाई साल का समय गुजर गया, लेकिन मजाल क्या कि एक दिन बिना किसी बवाल और अपराध के गुजरा हो, रोज कोई न कोई हत्या, बलात्कार, डैकिती जैसी घटना को अंजाम दिया जाता है, लेकिन जिस दिन राम लला के फैसले की घड़ी आयी तो मानो उत्तर प्रदेढ़ में एक राम राज्य की झलक सी दिख गयी, दिनांक 9 नवंबर की सुबह से लेकर अगले दिन तक उत्तर प्रदेश पुलिस के अपराध रजिस्टर में अपराध शून्य हो गए, पूरे उत्तर प्रदेश में किसी तरह की आपराधिक घटना में कोई इजाफा नही हुआ, कुल मिलाकर हर थाने के जीडी (General Diary) रजिस्टर खाली रहे और 9 नवंबर के दिन का पेज इतिहास में हत्या, लूट, बलात्कार, चोरी, फिरौती से शून्य हो गया।
ये भले ही किसी हिंदी फिल्म का काल्पनिक कथन हो लेकिन पुलिस की सतर्कता और मुस्तैदी ने यह साबित करके दिखा दिया की पुलिस अगर चाह ले तो प्रदेश को अपराध मुक्त रखा जा सकता है।
यह सब संभव हुआ बेहतर तालमेल और निगरानी से, प्रदेश को जोनवार बांट कर प्रदेश में निगरानी की जा रही थी, जिले के स्तर पर प्रसाशन बेहद चौकन्ना था जिसकी वजह से कोई वारदात होने की गुंजाइश ही नही थी।
बहरहाल उत्तर प्रदेश में यह इतिहास कायम हो गया, हालाँकि यह भी बताते चले कि अगले दिन से ही पुलिस के पास इस तरह की घटनाओं की संख्या आने लगी है।
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