हमीरपुर में हुआ नरसंहार, परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से हुई हत्या
हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) के लिए 28 जुलाई का दिन बड़ा ही दर्दनाक रहा था। हमीरपुर के कानपुर -सागर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित रानी लक्ष्मीबाई चौराहे के पास एक घर के पांच सदस्यों की हथौड़ों और पत्थर से कूच कर की गयी, जिसमें दो मासूम बच्चियां भी शामिल थीं।
तिराहे के नजदीक बस्ती में नूरबख्श रिटायर्ड कलेक्ट्रेट कर्मचारी का परिवार रहता है। जिसमें उसके दो बेटे नफीस और रईस के साथ पत्नी और दोनों बेटों की बहू और बच्चे शामिल थे। गुरुवार की रात उसके बेटे रईस उम्र 27 वर्ष, बहू रोशनी उम्र 25 वर्ष, आलिया पुत्री रईस उम्र 5 साल, सानिया पुत्री रईस उम्र 3 साल, एवम शफीना उम्र 85 साल की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। हत्या में हथौड़े और पत्थर का इस्तेमाल किया गया। जिनकी बरामदगी मौके पर भी हो चुकी है।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कम्प सा मच गया। प्रभारी निरीक्षक के पी सिंह की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा, सीओ सिटी अनुराग सिंह ने भी घटना स्थल पर पहुंच कर जांच में सहयोग दिया। घटना की गहन जांच के लिए स्क्वायड डॉग समेत फोरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंच कर घटना की जांच में जुटे हैं।

घटना का प्रकार दर्शा रहा है संपत्ति की रंजिश :
इस घटना में जिस तरह से लोगों को कुचल कर मारा गया है। जिससे वीभत्सता अपने उच्चतम स्तर पर है। यहाँ तक कि कातिलों ने दुधमुंही बच्चियों को भी नहीं बख्शा है। इस घटना में घर का कोई भी समान गायब नहीं हुआ है। लूट की कोई घटना को अंजाम नहीं दिया गया।
लोगों ने गहन पूंछ तांछ पर बताया कि नूर बख्श की दो जीवित पत्नियां हैं। जिसमें से एक पत्नी अपने बेटो के साथ हमीरपुर में ही कालपी रोड स्थित मकान में रहती है। दोनों परिवारों में संपत्ति विवाद काफी पुराना है। हालांकि अभी पुलिस किसी निर्णय पर नहीं पहुंची है। वह सारे पहलुओं की जांच के बाद ही घटना का खुलासा करेगी।
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