योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रयागराज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए दुनिया के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे- गंगा एक्सप्रेसवे को मंगलवार को सैद्धांतिक सहमति दी।
प्रयागराज: इतिहास में पहली बार कुम्भ मेले में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रयागराज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए दुनिया के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे- गंगा एक्सप्रेसवे को मंगलवार को सैद्धांतिक सहमति दी।
मेला क्षेत्र में स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, "उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग को प्रयागराज से जोड़ने के लिए मंत्रिमंडल ने गंगा एक्सप्रेसवे को सैद्धांतिक सहमति दी है।"
उन्होंने बताया, "यह एक्सप्रेसवे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज आएगा। यह एक्सप्रेसवे जब बनेगा तो दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह लगभग 600 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे होगा।"
मुख्यमंत्री ने बताया, "इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 6,556 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी। फोर लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे का छह लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इस पर लगभग 36,000 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है।" उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे से प्रयागराज का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बेहतर संपर्क स्थापित हो सकेगा।
यह एक्सप्रेसवे लगभग 296 किलोमीटर लंबा होगा और जिस पर 8,864 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 3641 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता इसके लिए पड़ेगी। वहां भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। मंत्रिमंडल की सहमति से आगे की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बुंदेलखंड के विकास के प्रति माननीय प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस कोरिडोर की जो घोषणा की, उसका केंद्र बुंदेलखंड बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का गोरखपुर लिंक लगभग 91 किलोमीटर का है। यह आजमगढ़ और अंबेडकरनगर की सीमा से होकर गुजरेगा। 5,555 करोड़ रुपये की लागत से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के इस लिंक पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इस पर भी मंत्रिमंडल ने सहमति दी है।