
भारत मे जब वैक्सीन की टेस्टिंग को रैपिड मोड़ में कराने की बात की जा रही थी तो गैर वायरोलॉजी से जुड़े हुए लोगो का बेतर्क विरोध सामने खुलकर आ गया था। हालंकि इसी तर्ज पर चलते हुए रूस ने अपने देश मे कोरोना के लिए कारगर वैक्सीन का निर्माण कर लिया है। रूस ने जानकारी दी है कि हमारी वैक्सीन ने टेस्टिंग के सभी चरण को सफलतापूर्वक पार किया है।
रूस की सेकेनोफ़ यूनिवर्सिटी ने देश और दुनिया के सामने दावा किया है कि उसने दुनिया भर में कहर मचाने वाले वायरस कोरोना (कोविड 19) की वैक्सीन का सफलता पूर्वक निर्माण कर लिया है। विश्वविद्यालय द्वारा दी गयी जानकारी में यह बताया गया है कि वैक्सीन ने निर्माण में आने वाले प्रत्येक चरण के क्लिनिकल ट्रायल को सफलतापूर्वक पार किया है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह नहीं पाई गई है। मामले की जानकारी देते हुए इस शोध के मुख्य शोधकर्ता इलीना स्मोलयारचुक ने बताया कि हमने जितने भी परीक्षण किए है उसमें दवा हर प्रकार से कोरोना मरीज़ों पर न सिर्फ कारगर हुई है बल्कि उसके कोई दुष्परिणाम भी नहीं पाए गए हैं।
इस मामले में भारत स्थित रूस के दूतावास द्वारा भी जानकारी दी गयी है।
विश्वविद्यालय के द्वारा कोरोना के खिलाफ बनाई गई पहली वैक्सीन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है, वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, वैक्सीन टेस्टिंग के आखिरी चरण के वॉलिंटियर्स को 15 जुलाई और 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
भारत ने भी अपनी पहली वैक्सीन का निर्माण कर लिया है और यह वैक्सीन अपने टेस्टिंग के चरण पर है जिसमे वालेंटियर्स के ऊपर ट्रायल किया जाना प्रस्तावित है। हालकि दवा के रैपिड टेस्टिंग के विरोध में तमाम संगठन और मीडिया हाउस सामने आ चुके है, इस दवा को निर्माण वैक्सीन निर्माण में लंबा इतिहास रखने वाली कंपनी भारत बायोटेक के साथ आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने मिलकर बनाया है।
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