
भारत के पूर्वी लद्दाख में स्थापित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर दोनों देशों की सेनाओं के उच्चाधिकारियों के द्वारा की गई मीटिंग से सारा मामला शांति की ओर बढ़ चला था लेकिन अचानक ही चीनी सैनिकों के द्वारा पलट कर भारतीय सैनिकों के ऊपर पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया गया। दरअसल यह मामला गलवन घाटी विवाद का हिस्सा है जिसको लंबे समय से चीन द्वारा अपनी हरकतों से खींचा जा रहा था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक शुरुआती विवाद में पत्थरों और डंडो के हमले में भारतीय सेना के एक कमांडर समेत तीन सैनिक शहीद हो गए हालाँकि इस विवाद के जवाब में भारतीय सेना ने भी बिना किसी हथियार का प्रयोग करते हुए जवाब दिया। इस झड़प में अब तक कुल मिलाकर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर है और साथ ही करीब 43 चीनी सैनिक जिसमें उच्च सैन्याधिकारी भी शामिल है या तो मारे गए या फिर गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि इस बारे में चीनी सेना ने अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है। यहाँ एक बात साफ कर देनी चाहिए कि चीनी सैनिकों के मरने का आंकड़ा स्पष्ट नहीं है। क्योंकि अभी तक चीनी सेना ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। इससे पहले कुछ विदेशी मीडिया ने भारत के 3 और चीन की पांच कैजुअलटीज के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई थी।
दरअसल जिस समय भारत और चीन की सेनाओं के बीच उच्चस्तरीय मीटिंग चल रही थी उसी दौरान चीन शांति वार्ता के साथ साथ गलवन घाटी के पीछे सेना के जमावड़े को बढ़ा रहा था इस मामले में भारत ने भी चीन को उसी की भाषा मे जवाब देना दुरुस्त समझा और चीन के तरीके से ही भारत ने अपने सैन्य साजो सामान को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और चीन को यही बात चुभ गयी, जो बाद में झड़प में बदल गया।
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