
देश मे भारत सरकार दिहाड़ी मजदूरों से लेकर हर एक गरीब गुरबा के लिए सरकार ने भूख से बचाने के लिए सभी संभव उपाय किये जा रहे है जिसमे लोगों को भोजन और चिकित्सा की सेवाएं मुहैया कराई जा रही है। लेकिन जो व्यक्ति देश के बाहर विदेशों में रह रहा है वहां भारत के दूतावासों द्वारा प्रवासी मजदूरों और अन्य भारतीयों को सेवाएं मुहैया कराई जा रही है। चूँकि भारत ने भारत से बाहर रहने वाले तमाम भारतीयों को भारत लाने के लिए तमाम कोशिशें की और हर सम्भव भारतीयों को भारत मे लाया भी गया। फिर चाहे वुहान में फॅसे भारतीय छात्र हो या फिर इटली में फॅसे हुए लोग हो, लेकिन जब कोरोना का कहर हर जगह बढ़ा तो भारत ने भारतीयों को उन्ही देशों में रखकर उनको मदद पहुंचाई, इसमे सबसे ज्यादा योगदान विदेशों में भारतीय दूतावासों ने किया है।
विदेशों में रह रहे भारतियों के लिए उस वक्त सबसे बड़ी समस्या हो गयी जब विदेशों में कोरोना का कहर टूट पड़ा और लोगों के सामने भोजन और आश्रय की समस्या खड़ी हो गयी। इसके लिए विदेशों में बसे हुए लोगों ने दूतावासों के दरवाजे खटखटाये, जिसमे सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी मजदूर शामिल थे।इस पर भारत सरकार ने अपने दूतावासों को यह आदेश दिए कि किसी भी भारतीय को निराश नहीं किया जाएगा।जानकारी के अनुसार विदेशों में बसे हुए भारतीयों के लिए दूतावासों ने निवास के लिए किराए का भुगतान, भोजन की पहुँच सुनिश्चित की, इसको लेकर दुनिया भर में चर्चे है।
दिनांक 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभिभाषण में दूसरे लॉक डाउन की घोषणा कर दी है जिसके तहत 19 दिन के दूसरे लॉक डाउन की घोषणा की गयी है। केंद्र सरकार लॉकडाउन के लिए जरूरी दिशानिर्देशों को कल जारी करेगी।
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