
योगी सरकार के पहले मंत्री मण्डल विस्तार में उपचुनाव और 2022 विधानसभा को देखते हुए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधने की पूरी कोशिश की गई है। मंत्रिमंडलीय विस्तार में मुख्यमंत्री ने युवाओं और नये लोगों को मंत्रिमण्डल में शामिल करके सत्ता पर काबिज रहने की तैयारी की झलक दिखाई है। योगी ने पहले विस्तार में लगभग हर क्षेत्रों के हर तबके तक पहुंच बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश के लगभग सभी इलाकों से प्रतिनिधियों को कैबिनेट में शामिल किया है।
योगी के 23 मंत्रियों में से छह ब्राह्मण, दो क्षत्रिय, दो जाट, एक गुर्जर, तीन दलित, दो कुर्मी, एक राजभर, एक पाल, तीन वैश्य, एक शाक्य और एक मल्लाह हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने पहले ही एक व्यक्ति-एक पद के सिद्घांत के चलते परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मंगलवार देर रात पांचों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए। सांसद चुने जाने के बाद सत्यदेव पचौरी, प्रो़ एस.पी. सिंह बघेल और प्रो़ रीता बहुगुणा जोशी के इस्तीफा देने और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने से चार कैबिनेट मंत्री के पद पहले से ही खाली चल रहे थे।
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