
आज देश भर में लोकतंत्र के त्योहार का आखिरी दिन है, 17वीं लोकसभा के लिए सातवें व अंतिम चरण का चुनाव आज संपन्न हो जाएगा। इस दौरान कुल 8 राज्यों के 59 सीटों पर मतदान हो रहा है। इनमें पंजाब की 13, हिमाचल प्रदेश के 4, उत्तर प्रदेश की बची 13, बिहार की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 8 और पश्चिम बंगाल में बची 9 सीटों पर मतदान हो रहे हैं जिसमें केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एकमात्र सीट भी इसमें शामिल है और अब इस चुनाव का नजीजा तो 23 मई को आ ही जाएगा।
जाहिर-सी बात है राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ जनता को भी इस चुनाव के नतीजा का बेसब्री से इंतजार है, वहीं अगर राजनीतिक सलाहकारों की मानें तो साल 2014 से साल 2019 वाला चुनाव काफी हद तक अलग है इसलिए आंकड़ों में भी फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। वैसे इस बार के सीटों पर गौर किया जाए तो देश के 5 राज्य ऐसे हैं जो केंद्र की सत्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जी हां पिछले लोकसभा चुनाव के जब नतीजे सामने आए थें तो भाजपा को यूपी में 71, महाराष्ट्र में 23, पश्चिम बंगाल में 2, बिहार में 22, और तमिलनाडु में 1 सीट प्राप्त हुई थी। अगर इस बार भी भाजपा केंद्र में सरकार बनाती है तो इन पांच राज्यों का योगदान बेहद अहम रहेगा।
पश्चिम बंगाल (42 सीट) - बीते दिनों पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान जो हिंसा की स्थिति बनी रही उससे बंगाल की वर्तमान सरकार ममता बनर्जी पर इसका काफी असर पड़ सकता है। हालांकि साल 2011 में टीएमसी की सरकार बनी थी लेकिन उस दौरान हिंसा वामदलों और टीएमसी कार्यकर्ताओं में होती थी पर हाल की स्थिति को देखा जाए तो ये लड़ाई टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच होने लगा है। यानि ये साफ साफ देखा जा सकता है कि अब सत्ता की लड़ाई भाजपा और टीएमसी में है।
उत्तर प्रदेश (80 सीट) - इस बार के चुनावी नतीजों में यूपी के आखिरी चरण का मतदान बेहद ही ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि आखिरी चरण के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और ये बात कोई कैसे भूल सकता है कि साल 2014 में भाजपा ने पूर्वांचल की ही सीटों से बाजी मारी थी।
महाराष्ट्र (48 सीट) - शुरूआत से ही महाराष्ट्र में शिवसेना व भाजपा के बीच मतभेद की स्थिति बनी रही है लेकिन आखिरकार इस बार दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर ही लिया। इसका असर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर निश्चित रूप से पड़ने वाला है।
बिहार (40 सीट) - बिहार की राजनीति पर नजर डाला जाए तो विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार लालू की गैरमौजूदगी का फायदा भाजपा को मिल सकता है। भले ही तेजस्वी ने बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाई है लेकिन उनका सत्ता में आना संभव नहीं है क्योंकि खुद उनके पिता उनके साथ नहीं हैं।
तमिलनाडु (39 सीट) - तमिलनाडु राज्य में कुल लोकसभा की 39 सीटों पर चुनाव लड़े जा रहा है, इस साल यहां दो नई पार्टियां उभरकर सामने आई है जो कमल हासन की पार्टी 'मक्कल निधि मय्यम' (एमएनएम) और शशिकला के भतीजे दिनाकरण की पार्टी 'अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम' (एएमएमके)। लेकिन अगर ऐतिहासिक स्थिति पर नजर डाला जाए तो कन्याकुमारी और कोयंबटूर सीट पर भाजपा की अच्छी पकड़ है। इसके अलावा जयललिता के निधन की वजह से भी भाजपा के हिस्से में कई वोट जा सकते हैं।
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