
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद तेज हो गई है। लेकिन इस बार पहल कांग्रेस की तरफ से हुई है। दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पी.सी. चाको ने शुक्रवार के मीडिया से बात करते हुए कहा कि आम चुनाव में अगर बीजेपी को हराना है तो आप और कांग्रेस को साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा। चाको यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि वे शीला दीक्षित को गठबंधन के लिए मना लेंगे।
पी.सी चाको के इस बयान को बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल, चाको दिल्ली कांग्रेस प्रभारी होने के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीब है। ऐसे में मीडिया में उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर केजरीवाल ने सार्वजनिक रुप से भी कई बार बयान दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से की गई ये पहल, गठबंधन के लिए शुभ संकेत हो सकते है।
आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मिलाकर 50 फीसदी वोट मिले थे। जबकि अकेले बीजेपी को 35 फीसदी वोट मिले थे। ऐसे में अगर कांग्रेस और आप एक साथ आते है तो यकीनन बीजेपी को नुकसान होगा।
लेकिन मामला केवल गठबंधन का ही नहीं है, दरअसल, खबरों की माने तो आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली में सीटों को लेकर भी मामला फंसा हुआ है। खबर है कि कांग्रेस और आप दिल्ली की तीन तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी और एक सीट किसी न्यूट्रल नेता को दिया जाएगा। लेकिन ये कौन सी सीट होगी ये अभी तय नहीं है।
दरअसल, दोनों ही पार्टियों की नजर दिल्ली की ईस्ट, नॉर्थ ईस्ट और साउथ दिल्ली पर टिकी हुई है। क्योंकि ये वो इलाके है जहां इनका वोट बैंक है। इस गठबंधन से किसी का नुकसान हो या न हो लेकिन केजरीवाल का फायदा जरूर होगा। 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली से एक भी सीट नहीं मिली थी। ऐसे में ये एक मौका केजरीवाल के पास जरूर होगा कि वो कांग्रेस की पीठ पर सवाल होकर दिल्ली में अपना खाता खोल दे। लेकिन दिल्ली की जनता के बीच आम आदमी पार्टी कैसे भरोसा पैदा कर पाएंगे ये आने वाला वक्त ही बताएगा।
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